सब अपनी कहते सुनते रहे,
बस बिना मुड़े चलते गए,
कहीं वोट की, कहीं जात पांत की,
इनके नाम पर राजनीति हो गयी बहुत,
कोई उनको भी तो पूछ लो,
जो, रात दिन खेत में जलते रहे।
क्या ये सिपाही से कम है,
ये अन्नदाता। हमारे अन्नदाता।
#salute_to_indian_farmers https://t.co/GelWGieSTW
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